रेटिंग: 2.5/5
पृष्ठ संख्या - ३५२
फॉर्मेट - पेपरबैक
प्रकाशक - धीरज पॉकेट बुक्स
सीरीज - केशव पंडित
उपन्यास संख्या - #११७
अभी धीरज पॉकेट्स बुक द्वारा प्रकाशित उपन्यास ' शादी करूंगी यमराज से ' पढ़ा। यह उपन्यास केशव पंडित सीरीज का 117 उपन्यास है। केशव पंडित पेशे से तो वकील है लेकिन वो एक पूरी तरह त्रैमेद सोल्जर भी है जो वक़्त पड़ने पर किसी भी दुश्मन के दांत खट्टे करने का हौसला रखता है । केशव पंडित ने अपने कार्य में कई लोगों को जेल की चक्की पिस्वाई है और कई लोगों को अपना दुश्मन भी बनाया है । इन्हीं दुश्मनों में से एक है नागराज सिंघ उर्फ़ यमराज। यमराज अब माफिया किंग है और बहुत ज्यादा अमीर और ताक़तवर बन चूका है । वो एक साक्षात्कार के दौरान ये बताता है कि अगर कोई भी लड़की केशव पंडित को कानून के सामने मुजरिम करार कर पाएगी तो वो उसको अपनी बीवी बना देगा। ये खबर सुनकर जेल में बैठी क्रांति जो कि केशव की जानी दुश्मन है और जिसको केशव से लड़ने पर अपने हाथ पैर गवाने पड़े थे और उसका शरीर भी एसिड से झुलस गया था।क्या ये सब कामयाब हो पायेंगे? क्या केशव को मुजरिम करार दिया जाएगा ??क्या दिमाग का जादूगर इनसे हार जाएगा ?? जानने के लिए पढ़िए 'शादी करूंगी यमराज से '।
अब कुछ बातें उपन्यास के विषय में। अगर आप उपन्यास के नाम (जो कि काफी मजाकिया लगता है मुझे ) ज्यादा तवज्जो न दें तो आप इसे एन्जॉय कर पायेंगे। ये एक एवरेज उपन्यास है जिसे एक बार तो पढ़ा जा सकता है। उपन्यास रोचक था लेकिन एक दो बातें थी जो मुझे खली। पहले तो कई जगह नामों की हेर फेर है जैसे कभी कमिश्नर को देशपांडे बोला गया है जबकि उनका नाम है। ये तो एडिटिंग की गलतियों में आता है लेकिन इसमें कई बार ऐसा दिखाया है की केशव जो 5'11" का आदमी है 5'2" के व्यक्ति का भी भेष रच लेता है। वो चेहरा बदलने में तो माहिर है इस बात को पचाया जा सकता है लेकिन कोई भी उसकी हाइट डिफरेंस को नोटिस न करे इसे पचाना मुश्किल है। बहरहाल ऊपर की बातों को छोड़ दिया जाए तो उपन्यास पढने मुझे मज़ा आया । और केशव पंडित के बाकी उपन्यासों को भी शायद मैं पढूँ। बस अगर उपन्यास जिस कागज पर छपा है वो अच्छी क्वालिटी का होता तो पढ़ने का मज़ा भी ज्यादा आता।
हाँ ,इसका लेखक कौन है इसके विषय में कोई जानकारी मुझे नहीं है क्यूंकि कवर पर लेखक का नाम केशव पंडित है ,तो जाहिर है कोई घोस्ट राइटर लगा। लेकिन जिसने भी लिखा है अच्छा लिखा है।
अगर आपने इस उपन्यास को पढ़ा है तो आप अपनी राय इस पर बयां कर सकते हैं। और अगर कोई ऐसा उपन्यास का नाम साझा करना चाहे तो ज़रूर करियेगा।
पृष्ठ संख्या - ३५२
फॉर्मेट - पेपरबैक
प्रकाशक - धीरज पॉकेट बुक्स
सीरीज - केशव पंडित
उपन्यास संख्या - #११७
अभी धीरज पॉकेट्स बुक द्वारा प्रकाशित उपन्यास ' शादी करूंगी यमराज से ' पढ़ा। यह उपन्यास केशव पंडित सीरीज का 117 उपन्यास है। केशव पंडित पेशे से तो वकील है लेकिन वो एक पूरी तरह त्रैमेद सोल्जर भी है जो वक़्त पड़ने पर किसी भी दुश्मन के दांत खट्टे करने का हौसला रखता है । केशव पंडित ने अपने कार्य में कई लोगों को जेल की चक्की पिस्वाई है और कई लोगों को अपना दुश्मन भी बनाया है । इन्हीं दुश्मनों में से एक है नागराज सिंघ उर्फ़ यमराज। यमराज अब माफिया किंग है और बहुत ज्यादा अमीर और ताक़तवर बन चूका है । वो एक साक्षात्कार के दौरान ये बताता है कि अगर कोई भी लड़की केशव पंडित को कानून के सामने मुजरिम करार कर पाएगी तो वो उसको अपनी बीवी बना देगा। ये खबर सुनकर जेल में बैठी क्रांति जो कि केशव की जानी दुश्मन है और जिसको केशव से लड़ने पर अपने हाथ पैर गवाने पड़े थे और उसका शरीर भी एसिड से झुलस गया था।क्या ये सब कामयाब हो पायेंगे? क्या केशव को मुजरिम करार दिया जाएगा ??क्या दिमाग का जादूगर इनसे हार जाएगा ?? जानने के लिए पढ़िए 'शादी करूंगी यमराज से '।
अब कुछ बातें उपन्यास के विषय में। अगर आप उपन्यास के नाम (जो कि काफी मजाकिया लगता है मुझे ) ज्यादा तवज्जो न दें तो आप इसे एन्जॉय कर पायेंगे। ये एक एवरेज उपन्यास है जिसे एक बार तो पढ़ा जा सकता है। उपन्यास रोचक था लेकिन एक दो बातें थी जो मुझे खली। पहले तो कई जगह नामों की हेर फेर है जैसे कभी कमिश्नर को देशपांडे बोला गया है जबकि उनका नाम है। ये तो एडिटिंग की गलतियों में आता है लेकिन इसमें कई बार ऐसा दिखाया है की केशव जो 5'11" का आदमी है 5'2" के व्यक्ति का भी भेष रच लेता है। वो चेहरा बदलने में तो माहिर है इस बात को पचाया जा सकता है लेकिन कोई भी उसकी हाइट डिफरेंस को नोटिस न करे इसे पचाना मुश्किल है। बहरहाल ऊपर की बातों को छोड़ दिया जाए तो उपन्यास पढने मुझे मज़ा आया । और केशव पंडित के बाकी उपन्यासों को भी शायद मैं पढूँ। बस अगर उपन्यास जिस कागज पर छपा है वो अच्छी क्वालिटी का होता तो पढ़ने का मज़ा भी ज्यादा आता।
हाँ ,इसका लेखक कौन है इसके विषय में कोई जानकारी मुझे नहीं है क्यूंकि कवर पर लेखक का नाम केशव पंडित है ,तो जाहिर है कोई घोस्ट राइटर लगा। लेकिन जिसने भी लिखा है अच्छा लिखा है।
अगर आपने इस उपन्यास को पढ़ा है तो आप अपनी राय इस पर बयां कर सकते हैं। और अगर कोई ऐसा उपन्यास का नाम साझा करना चाहे तो ज़रूर करियेगा।
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मेरी प्रथम टिप्पणी
ReplyDelete.
काफी रोचक समीक्षा करते हैँ आप,धन्यवाद।
शुक्रिया, गुरप्रीत सिंह जी।
ReplyDeleteHow can I read this online??
DeleteI have read the maximum novels of keshav pandit as well ashirwad pandit,..suggest me any link or option that I can read these novels online
I bought this book and read it..There are few ebooks availiable on kindle and you can purchase them from there or take kindle unlimited subscription to read them at no extra cost.. these are the books....
Deletekeshav pandit books
आपको नहीं लगता की इस 'केशव पंडित' के नाम से बिकने वाले उपन्यास नकली हैं. मैंने एक बार गलती से इसका नावेल पढ़ लिया था, वेड प्रकाश शर्मा के केशव पंडित के धोके में. क्या वाहियात उपन्यास है! सिर्फ ज़बानदराज़ी होती है इसमें, कोई कहानी नहीं कोई सस्पेंस नहीं.
ReplyDeleteअसली केशव पंडित वेड प्रकाश शर्मा जी का किरदार है जिसे इसने चुराया है वो भी भद्दे तरीके से. आपकी राय का इच्छुक.
जी केशव पंडित भले ही शुरआत में किरदार वेद प्रकाश शर्मा जी का था लेकिन बाद में इस किरदार को लेखक के रूप में प्रस्तुत ही इसलिए किया गया था ताकि इसकी मकबूलियत को भुनाया जा सके। इसे कई भूत लेखक (घोस्ट राइटर्स ) लिखते हैं।मैंने ये उपन्यास २०१४ में पढ़ा था और इसके बाद आजतक केशव पंडित का कोई दूसरा उपन्यास नहीं पढ़ा।
Deleteलेकिन ऐसा नहीं है कि सारे उपन्यास बेकार ही होंगे। क्योंकि इन्हें भूत लेखक लिखते हैं तो वो इनपर ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं। कुछ सही निकलते हैं और कुछ खराब। हाल ही मैं मैंने एक केशव पंडित का उपन्यास खरीदा था। अब देखना है वो कैसा निकलेगा।
आपके त्वरित उत्तर के लिए शुक्रिया!
Deleteक्या आपको लगता है की वेद जी को अलग से उपन्यास निकालने की ज़रुरत होगी जबकि वो खुद एक बेस्टसेलर लेखक हैं!
जैसा की आपने लिखा है की ये घोस्ट राईटर्स का काम हो सकता है, तो आपके विचार से क्यूँ नहीं इसपर कोई केस दर्ज़ हुआ या आपत्ति दर्ज़ कराई गयी वेद जी के तरफ से.
मैं ये सवाल वेद जी से भी पूछना चाहता था पर अफ़सोस वो अब इस दुनिया में नहीं रहे. लेकिन मुझे घिन है उन प्रकशकों से जो बाज़ार में पायरेसी को जगह दे रहे हैं.
यकीन मानिए, वेद जी के असली केशव पंडित को पढ़िए, और फिर इस नकली केशव पंडित को....ज़मीन आसमान का फर्क नज़र आएगा. असली केशव पंडित जो वेद जी का है, वो ऐसे ऐसे कारनामे करता है की आपका दिमाग चकरघिन्नी की तरह घूम जाएगा और आप 'वाह'! किये बिना रह न पायेंगे.
आपके विचारों की प्रतीक्षा में!
चन्दन कुमार.
जी जहाँ तक मुझे लगता है दो बातें हो सकती हैं :
Deleteएक तो ये कि वेद जी को उनके किरदार के नाम पर नावेल बेचने के पैसे मिलते थे।ये तब मुमकिन है जब केशव पंडित किरदार के कॉपीराइट वेद जी के पास रहे हों।
या दूसरा ये कि किरदार के ऊपर प्रकाशक का कॉपीराइट था और इसलिए वो इसका कैसे भी इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र थे।
इसके इलावा कोई दूसरी संभावना नहीं दिखती।
बाकी जवाब शायद कोई दे सकता है तो वो या तो धीरज पॉकेट बुक्स वाले हैं या शगुन शर्मा जी(वेद जी के बेटे )।
Fake h ye keshav pandit .
DeleteKeshav pandit ka jalal dekhna ho to ved prakash Sharma ji ko padho
ये बात तो जगविदित है कि जो भी उपन्यास केशव पंडित के नाम से आये हैं वो भूत लेखकों ने ही लिखें हैं।
DeleteOnline books padh sakte h kya keshav ji ki
ReplyDeleteजी नहीं मालती, जी। ऑनलाइन तो नहीं है। हाँ, केशव पंडित किरदार को लेकर वेद प्रकाश शर्मा जी ने जो उपन्यास लिखे थे उनमे से कुछ उपन्यास डेलीहंट नाम के एप्प पर हैं। केशव पंडित के उपन्यास अक्सर रेलवे स्टाल्स पर ही उपलब्ध रहते हैं। मैंने तो उधर से ही लिया था।
Deleteमैंने भी केशव पंडित के 50 उपन्यास पढ़े है जिसमे बहुत सारे अच्छे भी है जैसे कानून की दुकान बन जा बेटा भस्मासुर ।
ReplyDeleteवाह!!! अगर ये उपन्यास मुझे मिलते हैं तो जरूर इन्हें पढूँगा।
DeleteMujhe 101 va उपन्यास chahiye
Deleteवेसे मैंने केशव पंडित जी के सभी नॉवेल पढ़े हैं। मुझे आपके उपन्यास बहुत अच्छे लगते हैं साथ में आशीर्वाद पंडित तथा रीमा भर्ती के भी काफी उपन्यास पढे हैं लकिन जो सस्पेन्स और थ्रिल केशव जी के नावेल से मिलता है उसकी तो बात ही कुछ और है।
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा लिखते हैं सर आप।
जी केशव पंडित के उपन्यास मैं नहीं लिखता। केशव पंडित वेद प्रकाश शर्मा जी का किरदार था जिसको लेकर बाद में कई लोगों ने उपन्यास लिखे हैं।
Deleteक्राइम स्कूल नोवल हे आपके पास
Deleteजी बिल्कुल केशव पंडित के उपन्यास मे अतिशयोक्ति के अलावा कुछ नही है जिसका आज के समयकाल परिस्थिति से कोई लेना देना नही है।
ReplyDeleteजी बिल्कुल केशव पंडित के उपन्यास मे अतिशयोक्ति के अलावा कुछ नही है जिसका आज के समयकाल परिस्थिति से कोई लेना देना नही है।
ReplyDeleteजी इन कहानियों की भी एक श्रेणी होती है।चाइना में wuxia कहा जाता है। इनमे अतिश्योक्ति ही होती है। उदाहरण के लिए कुंग फु हसल मूवी या शओलिन सॉकर या ऐसे ही चीनी मर्शिअल आर्ट की फ़िल्में। अधिकतर में अतिश्योक्ति है लेकिन देखने में मजा आता है। ऐसे ही कहानी में भी चल जाता है। मुझे व्यक्तिगत तौर पर अतिश्योक्ति से दिक्कत नहीं होती जब तक कहानी में लूपहोल न हो। कही पर ऐसा लगे कि लेखक ने बस इसलिए कोई चीज कर दी क्योंकि वो फंस गया था और उसे मेहनत नहीं करनी थी तो दिक्कत होती है।
DeleteKeshav pandit k novel kha milege
DeleteJaise sau sunaar ki El luhaar ki or dulhan ek rupay ki
स्नेह जी अगर यह उपन्यास रवि पॉकेट बुक्स से प्राकशित हुए थे तो आप इनके विषय में उनके फेसबुक पृष्ठ से मालूम कर सकते हैं। अगर उनके पास होंगे तो वो लोग इसे आपको डाक द्वारा भेज देंगे। यह रवि पॉकेट बुक्स का फेसबुक पृष्ठ है,आशा है आपको इस पर मदद मिलेगी।
Deletehttps://www.facebook.com/ravipocketbooks/
असली केशव पंडित के उपन्यास धीरज पॉकेट बुक तुलसी साहित्य पब्लिकेशन से प्रकाशित होते हैं पहले के उपन्यास गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होते थे आप धीरज पॉकेट बुक और तुलसी साहित्य पब्लिकेशन से प्रकाशित होते हैं
Deleteअसली केशव पंडित के उपन्यास धीरज पॉकेट बुक तुलसी साहित्य पब्लिकेशन से प्रकाशित होते हैं पहले के उपन्यास गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होते थे आप धीरज पॉकेट बुक और तुलसी साहित्य पब्लिकेशन से प्रकाशित होते हैं
Deleteजी अब केशव पंडित तो वेद जी द्वारा रचा गया किरदार था। इस नाम से लिखता कोई और ही है। ऐसे में असली नकली का मतलब नहीं रह जाता। हो सकता है आप कहना चाह रहे हों कि इस नाम से उपन्यास लिखवाने का अधिकार केवल धीरज के पास रहा होगा। उन्होंने यह अधिकार लिए होंगे।
Deletei read all books written by ved prakash sharma.
ReplyDeletemy best reading is kaarigar and raambad
जी मैं इन उपन्यासों को पढ़ने की कोशिश करूँगा। रामबाण के विषय में मैंने जितना सुना है कि उसका कथानक किसी फिल्म के कथानक से प्रेरित था। बात को खैर पढ़कर ही साफ होगी। आपने यह नाम सुझाये उसके लिए शुक्रिया। ब्लॉग पर आते रहियेगा।
Deleteचाहे केशव पंडित वेद प्रकाश शर्मा का रचाया किरदार होगा पर जो मज़ा केशव पंडित के उपन्यास पड़ने में है वो मज़ा किसी ओर उपन्यास में नही जैसे बालम का चक्र्यू झटका 440 वाल्ट का बारात जाएगी पाकिस्तान (etc)
ReplyDeleteजी सही कहा आपने। मैंने एक ही उपन्यास पढ़ा है लेकिन किरदार वाकाई रोचक है।
Deleteबहुत ही शानदार
ReplyDeleteजी आभार।
Deleteआज तक यह राज नहीं खुला कि यह नकली केशव पंडित असल में है कौन| असली नाम क्या है उसका| फोटो भी नहीं है|
ReplyDeleteजहाँ तक मुझे लगता है कई लेखकों ने इस नाम को लेकर लिखा है। ऐसा नहीं है कि एक ही व्यक्ति ने इस नाम से सारे उपन्यास लिखे हों। बाकी असलियत तो प्रकाशक ही जानते हैं और वो बताने से रहे।
Deletepdf file download kar sakte h
ReplyDeleteनहीं। मैंने तो खरीद कर पढ़ी थी। मुझे पीडीएफ के विषय में कोई जानकारी नहीं है।
Deleteऑनलाइन उपन्यास पढ़ने का कोई तरीका बताएं या फिर डाउनलोड करने का
ReplyDeleteखरीद कर पढ़ें। मैं सारे उपन्यास खरीद कर पढ़ता हूँ।
Deleteमुझे वेद प्रकाश शर्मा शगुन शर्मा केशव पंडित आशीर्वाद पंडित के उपन्यास अच्छे लगते हैं
ReplyDeleteवेद जी के उपन्यास मुझे भी सही लगते हैं। बाकी के दो लेखको के नहीं पढ़े।
DeleteSurendra mohan pathak ko purani novels kahan milengi. Amazon pe bhi nahi hai
ReplyDeleteजी, उनके कुछ उपन्यास kindle स्टोर में ई बुक के तौर पर उपलब्ध हैं। आप उधर से उन्हें खरीद सकते हैं। बाकी कुछ के रीप्रिंट हुए थे।
Deleteनिम्न लिंक पर उनके उपन्यास मिल जायेंगे:
https://amzn.to/2MqYjLO
मेरी व्यक्तिगत राय यही रहेगी कि आप ई-बुक पढ़ें। अगर आपको हार्ड कॉपी ही चाहिए तो पाठक साहब के उपन्यासों के पुराने संस्करण आपको फेसबुक में मौजूद कई ग्रुप्स में ऊँचे दाम में मिल जायेंगे।
1app बनाना चाहिए केशव पँडित जी क ऊपनियास का
ReplyDeleteजी ये तो प्रकाशक पर निर्भर करता है। वो चाहेंगे तो kindle में डाल सकते हैं।
Deletekisi ne pawan putra abhimanyu and keshav puran,tu bandar main langoor abhimanyu ka chakra vyooh series padhi hai kya pata nahi ghost writer ne likha ya kisne but gajab ka plot hai kul 4 part hainb mujhe keshav puran nahi mil raha hai kahi bhi kisi ne padha hi to jarur reply karen
ReplyDeleteMujhe keshav pandit ka pura collection chaiye agar kisi ko isss bare me koi bhi jankari ho to kripya mujhe btaye
ReplyDeleteMera whatsapp no 9896002953 hai
पूरा कलेक्शन का तो पता नहीं ....केशव पंडित के काफी उपन्यास रवि पॉकेट बुक्स से आपको मिल जाएंगे....
DeleteMai Keshav pandit ki bahot fan hu.. shayad jab se mujhe yad hai Saal 2000 se ya usake pahle se Mai unke upnyas khoob padha Karti thi
ReplyDeleteAise Lagta tha mano mere samne film chal rahi hai
जी सही कहा। उनके उपन्यासों में ऐसा गुण तो होता है। आपके पसंदीदा उपन्यास कौन से थे? अगर नाम साझा ओर सकें तो बहुत ही अच्छा होगा।
Deleteविकास जी मै हॉरर उपन्यासो का बेहद शौकीन हूँ,लेकिन अभी तक सिर्फ अगिया वेताल ही पढा है,इससे मेरे अन्दर बहुत सारे हॉरर उपन्यास पढने की उत्कंठा तीव्र हो गयी है,क्या आप मेरी सहायता कर सकते है,मै दीन दुनिया को भूलकर रहस्य रोमांच और डर के सागर मे डूब जाना चाहता हूँ
Deleteहॉरर में हिन्दी में काफी कम लिखा गया है। अभी तक जो मैंने पढ़ा है उसके हिसाब से आपको नितिन मिश्रा जी की वेयर इस द वेयरवुल्फ और रैना @ मिडनाइट, लोकेश गुलियानी जी की जे और विक्रांत शुक्ला जी की सुकून देखनी चाहिए। उम्मीद है इनसे आप निराश नहीं होंगे। आप इन किताबों को ऑनलाइन मँगवा कर पढ़ सकते हैं।
Deleteसुकून - किताब का लिंक:https://amzn.to/3jtZacb
जे - किताब का लिंक https://amzn.to/31vGfrh
वेयर इस द वेयरवुल्फ - किताब का लिंक https://amzn.to/2Qo8hOS
रैना @ मिडनाइट - किताब का लिंक https://amzn.to/2EkHyR6
वाह बहुत बढ़िया उपन्यास है ।पढ़ते पढ़ते ही पाठक को यमराज के साक्षात दर्शन हो जाते हैं।
ReplyDeleteसही कहा अपने उपन्यास वाकई रोचक था।
Deleteमैंने केशव पंडित के आप सारे उपन्यास पड़े हैं जो कि वेद प्रकाश शर्मा जी द्वारा लिखित नहीं थे वह उपन्यास मुझे तो काफी अच्छे लगे थे। केशव पंडित के उपन्यासों में सस्पेंस और एक्शन होता है। उनके उपन्यासों की खासियत होती है कानूनी दांवपेच जो कि वह बहुत अच्छे से लिखते हैं।लेखक कोई भी हो पाठक को तो मसाले से मतलब है जोकि केशव पंडित के उपन्यासों में मिलता है।
ReplyDeleteजी लेखक से पाठक को मतलब भले न हो लेकिन अगर कोई भी अपने नाम से न लिखकर दूसरे नाम से लिख रहा है तो कई बार इसकी संभावना होती है कि वह कथानक यूँ ही चलताऊ बनाकर दे दे। इस कारण उपन्यास की गुणवत्ता कम होती जाती है और आखिरकार पाठक मनोरंजन के लिए कुछ और जरिया तलाश लेता है। यही हिन्दी अपराध साहित्य के साथ भी हुआ है और इसी कारण हिंदी अपराध साहित्य से कई लेखक, कई भूत लेखक और कई प्रकाशक गायब हो गये।
Deleteकेशव पंडित का क्राइम स्कूल उपन्यास मिलेगा आपके पास
Deleteजी नहीं...ये उपन्यास मेरे पास मौजूद नहीं है.....
Delete