नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

डोगा डाइजेस्ट #4: मुकाबला, बुलडॉग

रेटिंग : 3/5
किताब 2 अगस्त 2017 से 8 अगस्त,2017 के बीच पढ़ा गया

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 64
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
आईएसबीएन: 9332418365/978-9332418363

इस डाइजेस्ट में डोगा के निम्न दो कोमिकों को संकलित किया गया है:
क ) मुकाबला
रेटिंग : 3/5
सूरज की लाख कोशिशो के बाद भी वो  इंस्पेक्टर चीता के मन में उपजे शक को दूर करने में नाकामयाब हुआ है। इंस्पेक्टर चीता को अभी भी शक है कि सूरज ही डोगा है। अपने इस शक के निवारण के लिए वो एक योजना बनाता है। इस योजना के अनुसार वो ऐसी परिस्थिति पैदा कर देता है कि सूरज और डोगा के बीच एक मुकाबला होना होता है। अगर ये मुकाबला नहीं होता तो चीता का शक यकीन में बदल जायेगा और अगर ये मुकाबला होता है तो उसका शक हमेशा के लिए दूर हो जायेगा।
क्या सूरज और डोगा आपस में टकरायेंगे ? अगर ऐसा होगा तो वो कैसे मुमकिन होगा?

सूरज, डोगा और चीता के बीच की इकुएशन्स के विषय में पढने में मुझे काफी मज़ा आता है। उनके बीच जो ये चूहे बिल्ली के खेल होता है उसको पढने का मज़ा ही कुछ और है। इस कॉमिक्स का मुख्य केंद्र बिंदु भी यही है। हाँ, कॉमिक  में चीता का व्यवहार अंत में मुझे समझ नहीं आया। वो ऐसा काम करता है जो उसकी योजना के अनुरूप नहीं होता है। (ये काम क्या है वो तो आपको कॉमिक्स पढ़ कर ही पता चलेगा।) उसने ऐसा क्यों किया। फिर अगर ऐसा करना था तो योजना क्यों बनाई। हो सकता है अपने मन के शक को दूर करने के लिए बनाई हो लेकिन फिर उसे कम खतरे वाले तरीके से किया जा सकता था। ऐसे कई सवाल मन में उपजते रहे।

इसके इलावा कॉमिक्स में एक नये खलनायक के आने की आहट है और स्टोरी भी अगले कॉमिक्स में जाकर खत्म होती है। इसीलिए मुझे डाइजेस्ट पसंद हैं। मेरे पास दोनों कॉमिक्स एक ही जिल्द में है तो मुझे दूसरा लेने के लिए इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। हुर्रे।

मोनिका और सूरज के बीच भी इस कॉमिक्स में कुछ होता है। ये रिश्ता आगे चलकर किधर पहुंचेगा इसे अब देखना है।

बहरहाल एक अच्छा मनोरंजक कॉमिक्स। इसे एक बार पढ़ सकते हैं। वैसे मैंने छोटे में एक बार पढ़ा था। दोबारा पढ़ा तो मज़ा आया। आपने नहीं पढ़ा है तो पढ़ ही लीजियेगा।

ख) बुलडॉग 3/5 
डोगा को पकड़ने के लिए मुकाबले के रूप में जो जाल इंस्पेक्टर चीता ने बिछा रखा था उससे पार निकलने में डोगा सफल हो गया था।  लेकिन जाते जाते कुछ ऐसा हो गया था कि इंस्पेक्टर चीता डोगा को अपने सब इंस्पेक्टर जंग बहादुर का कातिल समझने लग गया था। अब इंस्पेक्टर चीता ने डोगा को किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करने की ठान ली थी। उधर डोगा ने भी इंस्पेक्टर जंगबहादुर के कातिलों का पता लगाने की ठान ली थी।
लेकिन अभी तो डोगा जख्मी हालत में था। कुछ गुंडों से लड़ते हुए वो बुरी तरह से घायल हो गया था और चीता पूरी पुलिस फाॅर्स समेत उसके पीछे लगा था।

 क्या चीता डोगा को पकड़ पाया? क्या डोगा इंस्पेक्टर जंग बहादुर के कातिलों को पकड़कर अपने माथे में लगे दाग को मिटा पाया?कौन थे वो अज्ञात दुश्मन जिन्होंने इंस्पेक्टर जंग बहादुर की निर्ममता से हत्या कर दी थी और क्यों?

बुलडॉग की कहानी उधर से शुरू होती है जहाँ पे मुकाबला की कहानी समाप्त हुई थी। कहानी रोचक है। एक्शन और मार धाड़ तो है कॉमिक्स की खासियत ये भी थी कि इसमें डोगा नाचते हुए दिखता है। ये देखना वाकई रोचक था।

हाँ, उपन्यास का मुख्य खलनायक बुलडॉग ने मुझे ज्यादा प्रभावित नहीं किया। अगर वो ज्यादा खतरनाक होता तो मज़ा आता। बस यही एक कमी मुझे कॉमिक में खली। सूरज और मोनिका का रिश्ता इस कॉमिक में थोड़ा आगे बढ़ा है। अब देखना है कि ये आगे क्या रुख लेगा। चीता का सूरज के ऊपर शक तो शायद दूर हो गया है लेकिन आगे इनके बीच रिश्ता कैसा होता है ये भी देखना है।

कॉमिक मुझे पसंद आया और एक बार पढ़ा जा सकता है।

अगर आपने कॉमिक्स को पढ़ा है तो अपनी राय इसके विषय में जरूर दीजियेगा। अगर इस डाइजेस्ट को नहीं पढ़ा है तो आप इसे निम्न लिंक से मंगवा सकते हैं :
अमेज़न
FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

2 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. मुझे ये बहुत ही बढ़िया लगी कॉमिक मजा आ गया था पढ़ के

    ReplyDelete
  2. मुझे ये बहुत ही बढ़िया लगी कॉमिक मजा आ गया था पढ़ के

    ReplyDelete

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल